फर्जी नियुक्ति का खुला खेल: खगड़िया नगर परिषद में कनिष्ठ अभियंता की बहाली को लेकर बड़ा खुलासा,स्थायी समिति ने बताया ‘अवैध’, कार्रवाई की संस्तुति…
प्रवीण कुमार प्रियांशु।खगड़िया

खगड़िया नगर परिषद में फर्जी नियुक्ति और वित्तीय अनियमितता का मामला अब पूरी तरह से उजागर हो चुका है। खगड़िया नगर सभापति अर्चना कुमारी द्वारा पत्रांक-80/24 दिनांक-15-10-2024 द्वारा कार्यपालक पदाधिकारी, खगड़िया को पत्र द्वारा बताया गया कि रौशन कुमार कनीय अभियंता की बहाली अवैध है तथा इनके द्वारा की गई बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता की भी शिकायत मिली है। जाँच पूरी होने तक रौशन कुमार को दी जाने वाली वेतन सहित सभी प्रकार के भुगतान पर रोक लगाई जाती है। जब तक जाँच पुरी नहीं होती है तब तक रौशन कुमार से सभी प्रकार की संचिका का प्रभार अन्य कर्मी को दिया जाय। यदि किसी प्रकार की भुगतान की जाती है और अनियमितता पायी जाती है तो इसकी सारी जवाबदेही आपकी होगी। जाँच प्रभावित न हो इसके लिए रौशन कुमार को कार्यालय में प्रवेश पर भी रोक लगाई जाती है।जिस पत्रांक को माननीय उच्च न्यायालय,पटना ने अगली सुनवाई की तारीख तक,दिनांक 15.10.2024 के आदेश के प्रभाव पर रोक लगा दी।

लेकिन नगर परिषद की स्थायी समिति की 22 अक्टूबर 2024 को आयोजित बैठक में कनिष्ठ अभियंता रोशन कुमार की बहाली को स्पष्ट रूप से अवैध ठहराया गया है। बैठक में सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव के माध्यम से रोशन कुमार की सेवा को निरस्त करने,सभी प्रकार के वेतन भुगतान पर रोक लगाने और मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की सिफारिश की गई।

क्या है पूरा मामला?

स्थायी समिति के समक्ष प्रस्तुत अभिलेखों और नगर सभापति के 15 अक्टूबर को भेजे गए पत्र के अनुसार,रोशन कुमार की बहाली बिना वैध प्रक्रिया,बिना विज्ञापन और बिना किसी चयन समिति की अनुशंसा के की गई थी।इतना ही नहीं,सेवा बहाली के बाद वेतन भुगतान भी वर्षों से बिना सक्षम स्वीकृति के होता रहा।
नगर सभापति अर्चना कुमारी ने 15.10.2024 को पत्र जारी कर बताया कि श्री रोशन कुमार की बहाली न केवल अवैध है,बल्कि वित्तीय अनियमितताओं से भी जुड़ी हुई है।उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती,तब तक रोशन कुमार को कार्यालय में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाए और उनके वेतन सहित सभी प्रकार के भुगतान पर रोक लगाई जाए।
बैठक में क्या-क्या हुआ?
22.10.2024 को नगर सभापति की अध्यक्षता में हुई बैठक में सभी सदस्यों की मौजूदगी में विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। सदस्यगणों ने स्पष्ट रूप से कहा कि—
रोशन कुमार की बहाली बिना किसी नियुक्ति प्रक्रिया के की गई।
न तो कोई विज्ञापन प्रकाशित हुआ और न ही किसी सक्षम चयन समिति की अनुशंसा प्राप्त हुई।
यह नियुक्ति पूरी तरह से व्यक्तिगत सिफारिश और मिलीभगत का नतीजा प्रतीत होती है।
बैठक में यह भी उल्लेख किया गया कि वर्ष 2016 में नगर विकास एवं आवास विभाग ने ऐसे सभी फर्जी बहालियों को रद्द करने का निर्देश जारी किया था,फिर भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
समिति की प्रमुख सिफारिशें:
1.रोशन कुमार की सेवा को तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाए।
2.अब तक उन्हें हुए वेतन भुगतान की जांच कर वसूली की जाए।
3.बहाली प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों की भूमिका की जांच हो।
4.पूरे प्रकरण की जांच राज्य स्तरीय एजेंसी या विजिलेंस से कराई जाए।
5.भविष्य में इस प्रकार की गड़बड़ियों को रोकने के लिए नियुक्ति प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए।
समिति के सदस्यों ने क्या कहा?
स्थायी समिति के सदस्य व नगर उपसभापति ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि, “यह न केवल नियमों की अवहेलना है,बल्कि जनता के पैसों का दुरुपयोग भी है। हम मांग करते हैं कि दोषियों पर एफआईआर दर्ज हो और सेवा से बर्खास्त किया जाए।”
आगे की कार्रवाई…
बैठक में प्रस्ताव संख्या-01 से प्रस्ताव संख्या-08 तक कई अहम निर्णय लिए गए,जिनमें प्रमुख रूप से फर्जी नियुक्ति रद्द करने के साथ-साथ स्टेशन क्षेत्र में स्मार्ट स्ट्रीट लाइट लगाने,विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा, LED बोर्ड लगाने,सफाई अभियान तेज करने आदि प्रस्ताव भी पारित किए गए।
अंतिम निर्णय…
नगर परिषद ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि रोशन कुमार की नियुक्ति को अवैध घोषित करते हुए तत्काल सेवा से हटाया जाए और उनके कार्यालय में प्रवेश पर पूर्ण रोक लगाई जाए। साथ ही,वित्तीय भुगतान पर भी रोक लगाते हुए वसूली की कार्रवाई की जाए।
खगड़िया नगर परिषद में वर्षों से चल रहे फर्जी नियुक्ति खेल का यह खुलासा न केवल एक व्यक्ति विशेष की बहाली को प्रश्नों के घेरे में लाता है,बल्कि पूरे सिस्टम पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है।अब देखना होगा कि राज्य सरकार और जिला प्रशासन इस पर कितनी गंभीरता से संज्ञान लेता है और दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है।वहीं इस पुरे मामले में बताया जा रहा है कि 15-10-2024 को जारी लेटर पर माननीय उच्च न्यायालय ने रोक लगाया था।

लेकिन 22-10-2024 को जो बर्खास्त वाला लेटर है उस पर कोर्ट रोक नहीं लगाया है।वहीं दूसरी तरफ इस मामले में नगर सभापति अर्चना कुमारी ने बताई-
जब पेपर ही जाली और नकली निकला तो ये सब मेटर अब रहा कहां?? बल्कि इस पर कार्ट को बरगलाने और समय बर्बाद करने के लिए एक और केस किया जायेगा।














































