10 साल तक फर्जी डिप्लोमा पर उठाया वेतन, जेईई रोशन कुमार पर अब दर्ज होगा मुकदमा नगर परिषद ने की बड़ी कार्रवाई, प्राथमिकी के लिए थाने में दिया गया आवेदन,48 घंटे की मोहलत भी खत्म…

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10 साल तक फर्जी डिप्लोमा पर उठाया वेतन, जेईई रोशन कुमार पर अब दर्ज होगा मुकदमा नगर परिषद ने की बड़ी कार्रवाई, प्राथमिकी के लिए थाने में दिया गया आवेदन,48 घंटे की मोहलत भी खत्म…


प्रवीण कुमार प्रियांशु।खगड़िया


नगर परिषद खगड़िया में कनिष्ठ अभियंता (जेईई) पद पर एक दशक तक सेवा देने वाले रोशन कुमार का खेल अब खत्म होता दिख रहा है। फर्जी डिप्लोमा के आधार पर नौकरी लेने,वेतन व सरकारी लाभ उठाने और फिर बर्खास्तगी के बावजूद रकम नहीं लौटाने पर नगर परिषद ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कार्यपालक पदाधिकारी ने नगर थानाध्यक्ष, खगड़िया को आवेदन देकर कानूनी कार्रवाई की मांग की है।

फर्जी अंकपत्र से नौकरी,लाखों की कमाई…

रांकोडीह निवासी रोशन कुमार ने वर्ष 2014 में जेईई पद पर नियुक्ति के लिए राज्य प्रावैधिक शिक्षा परिषद, पटना से जारी एक डिप्लोमा प्रस्तुत किया था। लेकिन नगर सभापति अर्चना कुमारी की पहल पर कराई गई जांच में यह डिप्लोमा पूरी तरह फर्जी पाया गया। परिषद की रिपोर्ट (पत्रांक-4213, दिनांक 14 जुलाई 2025) के अनुसार, रोशन कुमार द्वारा प्रस्तुत तीनों वर्ष के अंकपत्र नकली हैं।

बर्खास्तगी के बाद भी नहीं लौटाई रकम,प्राथमिकी तय…

फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद नगर परिषद ने उन्हें पद से बर्खास्त कर दिया और उठाए गए वेतन व लाभ की वसूली की प्रक्रिया शुरू की। रोशन को 48 घंटे के भीतर समस्त राशि जमा करने का निर्देश दिया गया था। तय समय सीमा समाप्त होने पर अब प्राथमिकी दर्ज कराई जा रही है।

नियुक्ति प्रक्रिया भी अवैध,नियमों की उड़ाई गई धज्जियां…

जांच में यह भी सामने आया है कि जेईई पद पर रोशन की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी तरह अवैध थी। न तो वैध विज्ञापन निकाला गया और न ही किसी विधिवत चयन समिति से स्वीकृति ली गई। यह सीधे-सीधे सरकारी तंत्र को गुमराह कर लाभ उठाने का गंभीर मामला है।

सभापति का दो-टूक बयान: फर्जीवाड़े पर सख्त कार्रवाई होगी…

नगर सभापति अर्चना कुमारी ने कहा, “जेई की नियुक्ति न सिर्फ फर्जी दस्तावेजों पर हुई, बल्कि उसकी बहाली प्रक्रिया भी नियमों के खिलाफ थी। थ्री-मैन कमेटी की रिपोर्ट और तकनीकी शिक्षा परिषद की जांच ने सबकुछ साफ कर दिया है। हमने पारदर्शिता की नीति पर चलते हुए तत्काल प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया है। परिषद की गरिमा से कोई समझौता नहीं होगा।”

अब क्या होगा आगे?

थाने में प्राथमिकी के लिए आवेदन दे दिया गया है। अब पुलिस जांच और कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू होगी। सवाल यह भी है कि इतने वर्षों तक फर्जीवाड़ा चलने के पीछे और कौन-कौन जिम्मेदार हैं? क्या अकेले रोशन कुमार ने यह सब किया या पूरा तंत्र कहीं न कहीं मिलीभगत में था?यह मामला न केवल एक व्यक्ति की धोखाधड़ी का है, बल्कि सरकारी व्यवस्था में सेंध की गंभीर चेतावनी भी है। नगर परिषद की ताजा कार्रवाई प्रशासनिक ईमानदारी की एक बड़ी मिसाल मानी जा रही है।

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