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खगड़िया में 83 लाख की योजना : विभिन्न जगहों में मिलेगा आधुनिक शौचालय, महिलाओं-बच्चों को मिलेगी सबसे बड़ी राहत…

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खगड़िया में 83 लाख की योजना : विभिन्न जगहों में मिलेगा आधुनिक शौचालय, महिलाओं-बच्चों को मिलेगी सबसे बड़ी राहत…

प्रवीण कुमार प्रियांशु। खगड़िया 

खगड़िया शहर की लंबे समय से चली आ रही सबसे बड़ी समस्या अब खत्म होने जा रही है। नगर परिषद खगड़िया ने करीब 83 लाख रुपये की लागत से सात सामुदायिक शौचालय और पांच मूत्राशय निर्माण की योजना शुरू कर दी है। इसके लिए निविदा जारी कर दी गई है और तीन माह के भीतर काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह योजना खगड़िया नगर परिषद की अब तक की सबसे बड़ी सार्वजनिक सुविधा परियोजनाओं में से एक मानी जा रही है।

कहाँ बनेंगे शौचालय और मूत्राशय?

सामुदायिक शौचालय : पूर्वी केबिन ढाला, पुलिस लाइन, बखरी बस स्टैंड, बलुआही बस स्टैंड, मथुरापुर फील्ड, संसारपुर फील्ड और बाजार समिति प्रांगण।

मूत्राशय : नेशनल स्कूल के पास अनुमंडल न्यायालय परिसर, पोस्ट ऑफिस रोड, इंस्पेक्टर ऑफिस और गांधी चौक।

महिलाओं-बच्चों के लिए बड़ी राहत…

नगर परिषद की सभापति अर्चना कुमारी ने कहा—

“शहर में लंबे समय से सार्वजनिक शौचालय की कमी महसूस की जा रही थी। खासकर महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को भारी असुविधा होती थी। इन शौचालयों के निर्माण से उन्हें सबसे अधिक राहत मिलेगी। हमारा लक्ष्य है कि तीन माह में सभी काम पूरे हों।”

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया…

सुनीता देवी (बाजार समिति क्षेत्र की गृहिणी) : “अब खरीदारी करने आने पर सबसे बड़ी समस्या खत्म होगी। महिलाओं के लिए यह राहत की खबर है।”

राजेश कुमार (छात्र, बलुआही बस स्टैंड) : “बस स्टैंड पर रोजाना सैकड़ों यात्री आते-जाते हैं। यहां शौचालय की सुविधा मिलना बहुत जरूरी था। अब यात्रियों को सुविधा मिलेगी।”

रामबाबू प्रसाद (बुजुर्ग, पुलिस लाइन) : “हम बुजुर्गों को घर से बाहर निकलने पर बहुत दिक्कत होती थी। अब यह परेशानी नहीं रहेगी।”

प्रतिदिन हजारों लोग होंगे लाभार्थी…

अनुमान है कि इन शौचालयों और मूत्राशयों से रोजाना 4 से 5 हजार लोगों को सीधा लाभ मिलेगा। बस स्टैंड, बाजार और न्यायालय परिसर जैसे स्थानों पर सबसे अधिक भीड़ रहती है, जहां ये सुविधाएँ लोगों की बड़ी जरूरत पूरी करेंगी।

स्वच्छ भारत अभियान को मजबूती…

सभापति अर्चना कुमारी ने कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन को मजबूती देने की दिशा में अहम है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि नगर परिषद आगे भी नागरिकों को बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए निरंतर काम करता रहेगा।यह खबर न सिर्फ शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की, बल्कि महिलाओं और आम नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार की भी है।

शुम्भा पंचायत की घोर उपेक्षा पर फूटा जनाक्रोश;एनडीए नेताओं को मुख्य मार्ग से रोका,जर्जर रास्ते से जाने को किया मजबूर – मुख्यमंत्री के नाम सौंपा गया आवेदन, खेल मैदान, अस्पताल, सड़क, बिजली और शिक्षा की माँग, शुम्भा को प्रखंड बनाने की भी उठी मांग…

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शुम्भा पंचायत की घोर उपेक्षा पर फूटा जनाक्रोश;एनडीए नेताओं को मुख्य मार्ग से रोका,जर्जर रास्ते से जाने को किया मजबूर – मुख्यमंत्री के नाम सौंपा गया आवेदन, खेल मैदान, अस्पताल, सड़क, बिजली और शिक्षा की माँग, शुम्भा को प्रखंड बनाने की भी उठी मांग…

प्रवीण कुमार प्रियांशु। खगड़िया

खगड़िया जिले के अलौली प्रखंड अंतर्गत शुम्भा पंचायत में रविवार को विकास की घोर उपेक्षा के खिलाफ जनता का गुस्सा सड़कों पर उतर आया। हजारों ग्रामीणों—जिनमें युवा, बुजुर्ग और महिलाएं शामिल थीं—ने एनडीए के अलौली विधानसभा सम्मेलन में जा रहे नेताओं को विश्वकर्मा पेट्रोल पंप के समीप मेघु ढ़ाला के पास रोक दिया। नेताओं को मजबूर होकर नागरटोली के जर्जर रास्ते से गुजरना पड़ा।ग्रामीणों के विरोध के कारण मंत्री जी को भी अपना मार्ग बदलना पड़ा। वे सीधे सभा स्थल पहुंचे, कार्यक्रम किया और बिना ग्रामीणों की ओर देखे वापस लौट गए। वहीं, आक्रोशित ग्रामीण घंटों तक सड़क पर जमे रहे और नेताओं की उपेक्षा पर नारेबाजी करते रहे।

बार-बार आश्वासन, मगर जमीनी काम शून्य…

ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत की स्थिति पिछले कई दशकों से बेहद दयनीय है। शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं आज भी सपना बनी हुई हैं। हर चुनाव में बड़े-बड़े वादे किए गए, नेताओं ने पंचायत की तस्वीर बदलने का भरोसा दिलाया, लेकिन हकीकत में हालात जस के तस बने हुए हैं।

मुख्यमंत्री के नाम सौंपा आवेदन…

ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम जदयू के राष्ट्रीय महासचिव मनीष वर्मा को आवेदन सौंपा, जिसमें पंचायत की बदहाली का विस्तार से उल्लेख किया गया है। आवेदन में रखी गई प्रमुख माँगें हैं—

शुम्भा पंचायत में एक बड़ा खेल मैदान का निर्माण…

24×7 एडिशनल हेल्थ सेंटर की स्थापना…

शुम्भा से अलौली तक मुख्य सड़क का निर्माण…

पंचायत में विद्युत सब-ग्रीड की स्थापना…

एक आवासीय विद्यालय का निर्माण…

पंचायत के +2 विद्यालय को स्नातक स्तर तक उन्नत करना…

“अब सिर्फ कागजी वादे नहीं” – ग्रामीणों की चेतावनी…

ग्रामीणों ने कहा कि यदि इन माँगों पर अविलंब कार्रवाई नहीं की गई, तो वे लोकतांत्रिक आंदोलन छेड़ने को मजबूर होंगे। उनका कहना है कि अब केवल घोषणाओं और कागजी आश्वासनों से काम नहीं चलेगा,बल्कि ठोस और जमीनी कदम उठाने होंगे।

चुनावी राजनीति बनाम जनता की जरूरतें…

विश्लेषकों का मानना है कि शुम्भा पंचायत का यह विरोध केवल स्थानीय समस्या तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बिहार की ग्रामीण राजनीति का आईना है। नेताओं के लिए चुनावी रैलियाँ और सम्मेलन तो प्राथमिकता बनते हैं, लेकिन ग्रामीणों की बुनियादी समस्याएँ चुनाव के बाद भूला दी जाती हैं।

शुम्भा पंचायत का सवाल यही है—“कब तक हम विकास के नाम पर ठगे जाएंगे?”

ग्रामीणों ने आवेदन की प्रतिलिपि सांसद, विधायक, मंत्री और जिलाधिकारी समेत सभी जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों को भेज दी है। अब देखना यह है कि सरकार और प्रशासन इस चेतावनी को कितना गंभीरता से लेता है।

अलौली विधानसभा में सियासी भूचाल : विधायक पर लगा घोटाले और जाति सूचक गाली का आरोप,प्रदेश अध्यक्ष से मिले रौशन राणा…

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अलौली विधानसभा में सियासी भूचाल : विधायक पर लगा घोटाले और जाति सूचक गाली का आरोप,प्रदेश अध्यक्ष से मिले रौशन राणा…

प्रवीण कुमार प्रियांशु।खगड़िया

विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही अलौली की सियासत गरमाने लगी है। राजद के तेजतर्रार नेता रौशन कुमार राणा ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल से मुलाकात कर स्थानीय विधायक रामवृक्ष सदा पर गंभीर आरोपों की झड़ी लगा दी है।रौशन राणा ने आरोप लगाया कि पिछले 5 सालों में विधायक ने विकास का कोई काम नहीं किया, बल्कि विधायक निधि का पैसा केवल वहीं लगाया गया,जहाँ 40 से 50 प्रतिशत कमीशन की गुंजाइश रही। उन्होंने कहा कि चुनाव में किए गए विकास के सारे वादे आज भी अधूरे हैं और जनता ठगी महसूस कर रही है।यही नहीं, हाल ही में वायरल हुए एक ऑडियो क्लिप को लेकर भी उन्होंने बड़ा हमला बोला। राणा ने कहा कि इस ऑडियो में विधायक यादव समाज को जाति सूचक गाली देते हुए सुने गए, जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं और समाज में गहरा आक्रोश है।रौशन राणा ने प्रदेश अध्यक्ष से आग्रह किया कि जल्द ही कार्यकर्ता मिलन समारोह आयोजित किया जाए, जिसमें मंगनी लाल मंडल खुद मुख्य अतिथि बनकर आएं। उन्होंने साफ चेतावनी दी – “अगर मेरी बातों को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो राजद अलौली सीट निश्चित रूप से हार जाएगी।” इन बयानों से साफ है कि अलौली विधानसभा में राजद के भीतर ही घमासान शुरू हो गया है। चुनावी मौसम में यह सियासी भूचाल किस करवट बैठेगा, यह देखना दिलचस्प होगा।

खगड़िया नगर परिषद में 11 साल का फर्जी डिप्लोमा घोटाला फूटा: संविदा जेई पर नियुक्ति रद्द, FIR दर्ज, करोड़ तक पहुंच सकती है वेतन वसूली; नगर प्रशासन और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई शुरू…

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खगड़िया नगर परिषद में 11 साल का फर्जी डिप्लोमा घोटाला फूटा: संविदा जेई पर नियुक्ति रद्द, FIR दर्ज, करोड़ तक पहुंच सकती है वेतन वसूली; नगर प्रशासन और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई शुरू…

प्रवीण कुमार प्रियांशु। खगड़िया 

खगड़िया में नगर परिषद से जुड़ा अब तक का सबसे बड़ा नियुक्ति घोटाला उजागर हुआ है। संविदा पर कार्यरत रांको डीह थाना मुफ्फसिल जिला खगड़िया निवासी स्व० सुरेश सिंह के पुत्र बर्खास्त कनीय अभियंता (जेईई) रोशन कुमार पर आरोप है कि उसने फर्जी डिप्लोमा प्रमाणपत्र के आधार पर वर्ष 2014 में नौकरी हासिल की और पिछले 11 वर्षों से नगर परिषद से मोटी सैलरी उठाता रहा। प्रारंभिक आकलन में उसके द्वारा सरकारी खजाने से ली गई रकम लाखों में है।

गौरतलब हो कि नगर सभापति अर्चना कुमारी के द्वारा मांगी गई सूचना के बाद राज्य प्रावैधिक शिक्षा परिषद,पटना द्वारा भेजी गई आधिकारिक रिपोर्ट में यह स्पष्ट हो गया कि आरोपी का प्रस्तुत डिप्लोमा प्रमाणपत्र पूरी तरह असत्य और फर्जी है। रिपोर्ट हाथ लगते ही नगर कार्यपालक पदाधिकारी रवि कुमार ने आरोपी के खिलाफ नगर थाना में विस्तृत लिखित शिकायत दर्ज कराई।शिकायत में रोशन कुमार की नियुक्ति तत्काल रद्द करने,अब तक प्राप्त समस्त वेतन की वसूली और धोखाधड़ी,कूटरचना,सरकारी धन के दुरुपयोग सहित गंभीर धाराओं में कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है।

नगर प्रशासन का कहना है कि यह सिर्फ एक नियुक्ति घोटाला नहीं, बल्कि सरकारी व्यवस्था के साथ सुनियोजित धोखाधड़ी का गंभीर मामला है। 2014 से 2024 के बीच आरोपी ने नियमों को ताक पर रखकर वेतन उठाया,जिससे नगर परिषद को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचा।नगर थाना पुलिस ने कांड संख्या-236/25 दिनांक-07-08-2025 धारा-420,471,468,406 दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।वहीं, नगर परिषद इस प्रकरण के सामने आने के बाद अपनी सभी पुरानी नियुक्तियों की फाइल खंगालने में जुट गया है,ताकि किसी अन्य फर्जी प्रमाणपत्रधारी को भी चिन्हित किया जा सके। प्रशासनिक हलकों में यह मामला गहरी चर्चा का विषय बन गया है और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कई और नाम बेनकाब हो सकते हैं।खगड़िया नगर परिषद ने साफ किया है कि सरकारी धन हड़पने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा और इस मामले में “जीरो टॉलरेंस” की नीति अपनाई जाएगी।

खगड़िया में फर्जी अनुभव प्रमाण-पत्र से बना प्रधानाध्यापक, शिक्षा विभाग की मिलीभगत से गहराया भरोसे का संकट,दो भाइयों पर गंभीर आरोप,जांच की मांग तेज…

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खगड़िया में फर्जी अनुभव प्रमाण-पत्र से बना प्रधानाध्यापक, शिक्षा विभाग की मिलीभगत से गहराया भरोसे का संकट,दो भाइयों पर गंभीर आरोप,जांच की मांग तेज…

प्रवीण कुमार प्रियांशु | खगड़िया

खगड़िया जिले की शिक्षा व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है। जिले के अलौली प्रखंड अंतर्गत माध्यमिक विद्यालयों में पदस्थापन को लेकर एक गंभीर मामला सामने आया है,जिसमें फर्जी अनुभव प्रमाण-पत्र के सहारे शिक्षक विजय कुमार सिंह व उनके भाई नवल कुमार सिंह द्वारा प्रधानाध्यापक पद हासिल करने का आरोप लगाया गया है। इस पूरे प्रकरण ने न सिर्फ शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि BPSC जैसी प्रतिष्ठित परीक्षा प्रणाली की जांच प्रक्रिया पर भी संदेह उत्पन्न कर दिया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार,विजय कुमार सिंह 1 जुलाई 2006 से अलौली प्रखंड में शिक्षक के रूप में कार्यरत रहे हैं। उन्होंने BPSC द्वारा आयोजित TRE-1 परीक्षा में उत्तीर्ण होकर नवंबर 2023 में माध्यमिक विद्यालय लड़ही में नियुक्ति प्राप्त की और फरवरी 2024 में TRE-2 के माध्यम से उच्च माध्यमिक विद्यालय सन्हौली में चयनित हुए। हालांकि, माध्यमिक विद्यालय में उनके कार्यकाल की अवधि मात्र दो वर्षों की है,जबकि प्रधानाध्यापक पद के लिए आठ वर्षों का अनुभव आवश्यक होता है।

इस अनियमितता से जुड़ी शिकायतें शिक्षा विभाग के टोल-फ्री नंबर पर दर्ज की गई हैं। शिकायत क्रमांक CCC7201270855 (विजय कुमार सिंह) तथा CCC6963820983 (उनके भाई नवल कुमार सिंह) के नाम से ऑनलाइन दर्ज की गई हैं। नवल कुमार सिंह पर भी फर्जी अनुभव प्रमाण-पत्र के आधार पर प्राथमिक शिक्षक से सीधे प्रधानाध्यापक पद हासिल करने का आरोप है।नवल कुमार सिंह TRE 1 से पहले PS SIWANA ALOULI में कार्यरत रहे हैं वहीं TRE1 में SC LABHGOAN JALKOURA में शिक्षक के रूप में कार्यरत रहे हैं।

इतना ही नहीं, विजय कुमार सिंह को खगड़िया जिले में बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा 2025 के लिए केंद्राधीक्षक भी बना दिया गया है। जबकि नियमों के अनुसार केवल वे प्रधानाध्यापक जो नियमपूर्वक माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत हैं, उन्हें ही यह जिम्मेदारी दी जा सकती है।मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि विजय कुमार सिंह को खगड़िया के शिक्षा विभाग में पदस्थापना डीपीओ निशीथ प्रवीण का करीबी बताया जा रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल एक तस्वीर में दोनों को साथ बैठकर हंसते हुए देखा जा सकता है, जिससे मिलीभगत की आशंका और गहरी हो गई है।स्थानीय सूत्रों के अनुसार, विजय कुमार सिंह पूर्व में अलौली प्रखंड में ब्लॉक रिसोर्स पर्सन (BRP) के पद पर कार्यरत रहे हैं। उस दौरान भी उनके खिलाफ स्नातक प्रमोशन के नाम पर पैसे की उगाही जैसे गंभीर आरोप लगे थे, जो बाद में रद्द भी कर दिए गए।स्थानीय ग्रामीणों, शिक्षकों और अभिभावकों ने इस मामले में तीखी प्रतिक्रिया दी है। लोगों का कहना है कि इस तरह के फर्जीवाड़े योग्य और मेहनती अभ्यर्थियों के अधिकारों का खुला अपमान हैं। साथ ही उन्होंने यह भी सवाल उठाया है कि आखिर BPSC जैसी प्रतिष्ठित संस्था कैसे फर्जी अनुभव प्रमाण-पत्रों को बिना जांचे मान्यता दे देती है?अब सवाल यह उठता है कि क्या जिला शिक्षा पदाधिकारी और संबंधित जांच एजेंसियां इस मामले को गंभीरता से लेकर कार्रवाई करेंगी, या यह मामला भी अन्य घोटालों की तरह विभागीय संरक्षण में दबा दिया जाएगा?यह मामला शिक्षा व्यवस्था के उस काले सच को उजागर करता है, जो वर्षों से भ्रष्टाचार और मिलीभगत की चादर में छिपा बैठा है। यदि समय रहते इस पर कठोर कदम नहीं उठाए गए, तो इससे न केवल योग्य अभ्यर्थियों का भविष्य संकट में पड़ेगा, बल्कि शिक्षा तंत्र में लोगों का भरोसा भी बुरी तरह टूट जाएगा।

10 साल तक फर्जी डिप्लोमा पर उठाया वेतन, जेईई रोशन कुमार पर अब दर्ज होगा मुकदमा नगर परिषद ने की बड़ी कार्रवाई, प्राथमिकी के लिए थाने में दिया गया आवेदन,48 घंटे की मोहलत भी खत्म…

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10 साल तक फर्जी डिप्लोमा पर उठाया वेतन, जेईई रोशन कुमार पर अब दर्ज होगा मुकदमा नगर परिषद ने की बड़ी कार्रवाई, प्राथमिकी के लिए थाने में दिया गया आवेदन,48 घंटे की मोहलत भी खत्म…


प्रवीण कुमार प्रियांशु।खगड़िया


नगर परिषद खगड़िया में कनिष्ठ अभियंता (जेईई) पद पर एक दशक तक सेवा देने वाले रोशन कुमार का खेल अब खत्म होता दिख रहा है। फर्जी डिप्लोमा के आधार पर नौकरी लेने,वेतन व सरकारी लाभ उठाने और फिर बर्खास्तगी के बावजूद रकम नहीं लौटाने पर नगर परिषद ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कार्यपालक पदाधिकारी ने नगर थानाध्यक्ष, खगड़िया को आवेदन देकर कानूनी कार्रवाई की मांग की है।

फर्जी अंकपत्र से नौकरी,लाखों की कमाई…

रांकोडीह निवासी रोशन कुमार ने वर्ष 2014 में जेईई पद पर नियुक्ति के लिए राज्य प्रावैधिक शिक्षा परिषद, पटना से जारी एक डिप्लोमा प्रस्तुत किया था। लेकिन नगर सभापति अर्चना कुमारी की पहल पर कराई गई जांच में यह डिप्लोमा पूरी तरह फर्जी पाया गया। परिषद की रिपोर्ट (पत्रांक-4213, दिनांक 14 जुलाई 2025) के अनुसार, रोशन कुमार द्वारा प्रस्तुत तीनों वर्ष के अंकपत्र नकली हैं।

बर्खास्तगी के बाद भी नहीं लौटाई रकम,प्राथमिकी तय…

फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद नगर परिषद ने उन्हें पद से बर्खास्त कर दिया और उठाए गए वेतन व लाभ की वसूली की प्रक्रिया शुरू की। रोशन को 48 घंटे के भीतर समस्त राशि जमा करने का निर्देश दिया गया था। तय समय सीमा समाप्त होने पर अब प्राथमिकी दर्ज कराई जा रही है।

नियुक्ति प्रक्रिया भी अवैध,नियमों की उड़ाई गई धज्जियां…

जांच में यह भी सामने आया है कि जेईई पद पर रोशन की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी तरह अवैध थी। न तो वैध विज्ञापन निकाला गया और न ही किसी विधिवत चयन समिति से स्वीकृति ली गई। यह सीधे-सीधे सरकारी तंत्र को गुमराह कर लाभ उठाने का गंभीर मामला है।

सभापति का दो-टूक बयान: फर्जीवाड़े पर सख्त कार्रवाई होगी…

नगर सभापति अर्चना कुमारी ने कहा, “जेई की नियुक्ति न सिर्फ फर्जी दस्तावेजों पर हुई, बल्कि उसकी बहाली प्रक्रिया भी नियमों के खिलाफ थी। थ्री-मैन कमेटी की रिपोर्ट और तकनीकी शिक्षा परिषद की जांच ने सबकुछ साफ कर दिया है। हमने पारदर्शिता की नीति पर चलते हुए तत्काल प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया है। परिषद की गरिमा से कोई समझौता नहीं होगा।”

अब क्या होगा आगे?

थाने में प्राथमिकी के लिए आवेदन दे दिया गया है। अब पुलिस जांच और कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू होगी। सवाल यह भी है कि इतने वर्षों तक फर्जीवाड़ा चलने के पीछे और कौन-कौन जिम्मेदार हैं? क्या अकेले रोशन कुमार ने यह सब किया या पूरा तंत्र कहीं न कहीं मिलीभगत में था?यह मामला न केवल एक व्यक्ति की धोखाधड़ी का है, बल्कि सरकारी व्यवस्था में सेंध की गंभीर चेतावनी भी है। नगर परिषद की ताजा कार्रवाई प्रशासनिक ईमानदारी की एक बड़ी मिसाल मानी जा रही है।

स्टेशन रोड को मिली नई जिंदगी: 9.5 करोड़ की परियोजना का शुभारंभ, वर्षों की पीड़ा के बाद अब उम्मीदों की रफ्तार…

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स्टेशन रोड को मिली नई जिंदगी: 9.5 करोड़ की परियोजना का शुभारंभ, वर्षों की पीड़ा के बाद अब उम्मीदों की रफ्तार…

प्रवीण कुमार प्रियांशु | खगड़िया

एक सड़क,जो कभी शहर की पहचान थी — अब फिर से बनेगी विकास की तस्वीर…

वर्षों से गड्ढों में तब्दील हो चुकी खगड़िया की ‘स्टेशन रोड’ को आखिरकार संजीवनी मिल गई है। 9.5 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली इस सड़क का गुरुवार को नगर सभापति अर्चना कुमारी ने नारियल फोड़कर और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शुभारंभ किया। नगरवासियों की नजर में यह केवल निर्माण कार्य नहीं, बल्कि प्रतीक्षा, पीड़ा और आशाओं का पुनर्जन्म है।

 नगर की धड़कन को मिल रहा है नया जीवन…

स्टेशन रोड खगड़िया की सांस्कृतिक, व्यापारिक और प्रशासनिक गतिविधियों का मुख्य मार्ग है। रेलवे स्टेशन, जिला अस्पताल, कोर्ट, बाजार और कार्यालयों को जोड़ने वाला यह मार्ग वर्षों से उपेक्षा और जर्जरता का शिकार था। बारिश में जलजमाव, धूल, कीचड़ और दुर्घटनाओं की घटनाएं आम थीं। अब, इस बहुप्रतीक्षित योजना के अमल में आने से खगड़िया को सुव्यवस्थित शहरी जीवन का अहसास होने जा रहा है।

विकास और पारदर्शिता का वादा…

नगर सभापति अर्चना कुमारी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा,“यह सिर्फ एक सड़क का निर्माण नहीं है, बल्कि यह खगड़िया के भविष्य को गति देने की शुरुआत है। गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा। नगर परिषद की टीम सतत निगरानी में है, और मैं जनता से भी अपील करती हूँ कि हर कदम पर सजग रहें — यदि कहीं कोई कमी दिखे, तो सीधे हमसे साझा करें।”उन्होंने यह भी बताया कि बायपास रोड के निर्माण की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है और शीघ्र शुरू होने वाली है। साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी एवं विजय सिन्हा को उन्होंने इस योजना को स्वीकृति देने के लिए विशेष आभार प्रकट किया।

“यह सड़क नहीं, खगड़िया का कलेजा है” — जनप्रतिनिधि बोले

शुभारंभ समारोह में उपस्थित शिक्षाविद् और सामाजिक कार्यकर्ता मनीष कुमार सिंह ने कहा:“स्टेशन रोड खगड़िया की रगों में दौड़ता खून है। ये सड़क जितनी अच्छी बनेगी, उतना ही शहर स्वस्थ और गतिशील बनेगा। यह केवल यातायात का मार्ग नहीं, बल्कि स्थानीय व्यापार, रोजगार और नागरिक सुविधा का केंद्र है।”

सामूहिक उत्साह: जनसहभागिता ने रचा ऐतिहासिक क्षण…

इस शुभारंभ के दौरान नगर की राजनीतिक और सामाजिक जमात एकत्रित रही। मौके पर उपस्थित प्रमुख लोग थे —सभापति प्रतिनिधि ज्योतिष मिश्रा,उपसभापति प्रतिनिधि मो. शहाबुद्दीन,यातायात थानाध्यक्ष नीतू कुमारी,वार्ड पार्षद गुलशन कुमार, शाहिद आलम,आर्किटेक्ट शुभम कुमार,भाजपा नेता रवि सिंह राजपूत,पार्षद प्रतिनिधि नौशाद आलम,दर्जनों वार्ड नागरिक एवं युवा।इस आयोजन को लोगों ने “खगड़िया के विकास का पहला वास्तविक अध्याय” बताया।

नजरें अब निर्माण पर,जिम्मेदारियों की अग्निपरीक्षा शुरू…

अब जबकि काम की शुरुआत हो चुकी है,नागरिकों की नजरें काम की गति, गुणवत्ता और पारदर्शिता पर टिकी हैं। शहर में यह चर्चा तेज है कि यह परियोजना नगर परिषद के लिए एक बड़ी परीक्षा होगी। यदि यह सफलता की कहानी बनती है, तो आने वाले समय में खगड़िया विकास के पथ पर नए कीर्तिमान स्थापित कर सकता है।यह खबर खगड़िया नगर के लिए सिर्फ एक विकास की खबर नहीं, बल्कि विश्वास की बहाली और भविष्य के सुनहरे अध्याय की शुरुआत है।

नई ऊर्जा, नया नेतृत्व: प्राथमिक विद्यालय मरायनथान की कमान अब रुदल कुमार के हाथों में…

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नई ऊर्जा, नया नेतृत्व: प्राथमिक विद्यालय मरायनथान की कमान अब रुदल कुमार के हाथों में…

सम्मान समारोह में शिक्षकों ने दी शुभकामनाएं, स्मिता कुमारी (प्रभारी प्रधानाध्यापक)ने सौंपी जिम्मेदारी

प्रवीण कुमार प्रियांशु। खगड़िया 

शिक्षा के क्षेत्र में एक नया अध्याय तब जुड़ता है जब नेतृत्व में बदलाव सकारात्मक सोच और समर्पण के साथ होता है। प्राथमिक विद्यालय मरायनथान में मंगलवार को ऐसा ही एक प्रेरणादायी क्षण सामने आया, जब प्रधानाध्यापक के रूप में रुदल कुमार ने विधिवत रूप से 30 जुलाई 2025 को कार्यभार ग्रहण किया।बता दें कि प्रधानाध्यापक रुदल कुमार 21 जुलाई 2025 को विद्यालय में योगदान किया था, जहां प्रभारी प्रधानाध्यापक स्मिता कुमारी ने उनके हाथों विद्यालय की जिम्मेदारी सौंपी। इस अवसर को खास बनाने के लिए विद्यालय परिसर में एक गरिमामयी सम्मान समारोह आयोजित किया गया, जिसमें सभी शिक्षकगण — रणजीत कुमार, लक्ष्मी कुमारी, निशा कुमारी, सोनी कुमारी और शिवानी कटियार — की उपस्थिति ने माहौल को भावनात्मक और प्रेरणादायी बना दिया।

गौरतलब है कि विद्यालय की स्थापना 6 दिसंबर 2006 को हुई थी,और तब से यह संस्थान ग्रामीण शिक्षा के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बना रहा है।अब रुदल कुमार के नेतृत्व में विद्यालय से अभिभावकों और विद्यार्थियों को न केवल अनुशासन और गुणवत्ता की उम्मीद है, बल्कि नवाचार और सामूहिक प्रगति की नई मिसाल की भी अपेक्षा है।

“शिक्षक बदलते हैं, पर शिक्षा का दीप जलता रहता है” — यही संदेश देता है मरायनथान विद्यालय का यह नवसंक्रमण।

फर्जी नियुक्ति का खुला खेल: खगड़िया नगर परिषद में कनिष्ठ अभियंता की बहाली को लेकर बड़ा खुलासा,स्थायी समिति ने बताया ‘अवैध’, कार्रवाई की संस्तुति…

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फर्जी नियुक्ति का खुला खेल: खगड़िया नगर परिषद में कनिष्ठ अभियंता की बहाली को लेकर बड़ा खुलासा,स्थायी समिति ने बताया ‘अवैध’, कार्रवाई की संस्तुति…


प्रवीण कुमार प्रियांशु।खगड़िया


खगड़िया नगर परिषद में फर्जी नियुक्ति और वित्तीय अनियमितता का मामला अब पूरी तरह से उजागर हो चुका है। खगड़िया नगर सभापति अर्चना कुमारी द्वारा पत्रांक-80/24 दिनांक-15-10-2024 द्वारा कार्यपालक पदाधिकारी, खगड़िया को पत्र द्वारा बताया गया कि रौशन कुमार कनीय अभियंता की बहाली अवैध है तथा इनके द्वारा की गई बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता की भी शिकायत मिली है। जाँच पूरी होने तक रौशन कुमार को दी जाने वाली वेतन सहित सभी प्रकार के भुगतान पर रोक लगाई जाती है। जब तक जाँच पुरी नहीं होती है तब तक रौशन कुमार से सभी प्रकार की संचिका का प्रभार अन्य कर्मी को दिया जाय। यदि किसी प्रकार की भुगतान की जाती है और अनियमितता पायी जाती है तो इसकी सारी जवाबदेही आपकी होगी। जाँच प्रभावित न हो इसके लिए रौशन कुमार को कार्यालय में प्रवेश पर भी रोक लगाई जाती है।जिस पत्रांक को माननीय उच्च न्यायालय,पटना ने अगली सुनवाई की तारीख तक,दिनांक 15.10.2024 के आदेश के प्रभाव पर रोक लगा दी।

लेकिन नगर परिषद की स्थायी समिति की 22 अक्टूबर 2024 को आयोजित बैठक में कनिष्ठ अभियंता रोशन कुमार की बहाली को स्पष्ट रूप से अवैध ठहराया गया है। बैठक में सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव के माध्यम से रोशन कुमार की सेवा को निरस्त करने,सभी प्रकार के वेतन भुगतान पर रोक लगाने और मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की सिफारिश की गई।

क्या है पूरा मामला?

स्थायी समिति के समक्ष प्रस्तुत अभिलेखों और नगर सभापति के 15 अक्टूबर को भेजे गए पत्र के अनुसार,रोशन कुमार की बहाली बिना वैध प्रक्रिया,बिना विज्ञापन और बिना किसी चयन समिति की अनुशंसा के की गई थी।इतना ही नहीं,सेवा बहाली के बाद वेतन भुगतान भी वर्षों से बिना सक्षम स्वीकृति के होता रहा।
नगर सभापति अर्चना कुमारी ने 15.10.2024 को पत्र जारी कर बताया कि श्री रोशन कुमार की बहाली न केवल अवैध है,बल्कि वित्तीय अनियमितताओं से भी जुड़ी हुई है।उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती,तब तक रोशन कुमार को कार्यालय में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाए और उनके वेतन सहित सभी प्रकार के भुगतान पर रोक लगाई जाए।

बैठक में क्या-क्या हुआ?

22.10.2024 को नगर सभापति की अध्यक्षता में हुई बैठक में सभी सदस्यों की मौजूदगी में विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। सदस्यगणों ने स्पष्ट रूप से कहा कि—
रोशन कुमार की बहाली बिना किसी नियुक्ति प्रक्रिया के की गई।
न तो कोई विज्ञापन प्रकाशित हुआ और न ही किसी सक्षम चयन समिति की अनुशंसा प्राप्त हुई।
यह नियुक्ति पूरी तरह से व्यक्तिगत सिफारिश और मिलीभगत का नतीजा प्रतीत होती है।
बैठक में यह भी उल्लेख किया गया कि वर्ष 2016 में नगर विकास एवं आवास विभाग ने ऐसे सभी फर्जी बहालियों को रद्द करने का निर्देश जारी किया था,फिर भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

समिति की प्रमुख सिफारिशें:
1.रोशन कुमार की सेवा को तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाए।
2.अब तक उन्हें हुए वेतन भुगतान की जांच कर वसूली की जाए।
3.बहाली प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों की भूमिका की जांच हो।
4.पूरे प्रकरण की जांच राज्य स्तरीय एजेंसी या विजिलेंस से कराई जाए।
5.भविष्य में इस प्रकार की गड़बड़ियों को रोकने के लिए नियुक्ति प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए।

समिति के सदस्यों ने क्या कहा?

स्थायी समिति के सदस्य व नगर उपसभापति ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि, “यह न केवल नियमों की अवहेलना है,बल्कि जनता के पैसों का दुरुपयोग भी है। हम मांग करते हैं कि दोषियों पर एफआईआर दर्ज हो और सेवा से बर्खास्त किया जाए।”

आगे की कार्रवाई…

बैठक में प्रस्ताव संख्या-01 से प्रस्ताव संख्या-08 तक कई अहम निर्णय लिए गए,जिनमें प्रमुख रूप से फर्जी नियुक्ति रद्द करने के साथ-साथ स्टेशन क्षेत्र में स्मार्ट स्ट्रीट लाइट लगाने,विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा, LED बोर्ड लगाने,सफाई अभियान तेज करने आदि प्रस्ताव भी पारित किए गए।

अंतिम निर्णय…

नगर परिषद ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि रोशन कुमार की नियुक्ति को अवैध घोषित करते हुए तत्काल सेवा से हटाया जाए और उनके कार्यालय में प्रवेश पर पूर्ण रोक लगाई जाए। साथ ही,वित्तीय भुगतान पर भी रोक लगाते हुए वसूली की कार्रवाई की जाए।

खगड़िया नगर परिषद में वर्षों से चल रहे फर्जी नियुक्ति खेल का यह खुलासा न केवल एक व्यक्ति विशेष की बहाली को प्रश्नों के घेरे में लाता है,बल्कि पूरे सिस्टम पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है।अब देखना होगा कि राज्य सरकार और जिला प्रशासन इस पर कितनी गंभीरता से संज्ञान लेता है और दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है।वहीं इस पुरे मामले में बताया जा रहा है कि 15-10-2024 को जारी लेटर पर माननीय उच्च न्यायालय ने रोक लगाया था।

लेकिन 22-10-2024 को जो बर्खास्त वाला लेटर है उस पर कोर्ट रोक नहीं लगाया है।वहीं दूसरी तरफ इस मामले में नगर सभापति अर्चना कुमारी ने बताई-
जब पेपर ही जाली और नकली निकला तो ये सब मेटर अब रहा कहां?? बल्कि इस पर कार्ट को बरगलाने और समय बर्बाद करने के लिए एक और केस किया जायेगा।

बीईओ धर्मेंद्र कुमार का खगड़िया में भव्य स्वागत,शिक्षक संघ ने जताया रचनात्मक सहयोग का भरोसा;शिक्षा व्यवस्था को ऊंचाई देने की दिशा में संयुक्त प्रयास का संकल्प…

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प्रवीण कुमार प्रियांशु। खगड़िया 

खगड़िया प्रखंड के नवनियुक्त प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (बीईओ) श्री धर्मेंद्र कुमार का मंगलवार को बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ गोपगुट, जिला इकाई खगड़िया द्वारा गर्मजोशी से स्वागत किया गया।संघ प्रतिनिधिमंडल ने जिलाध्यक्ष मनोज कुमार के नेतृत्व में उनके कार्यालय कक्ष में शिष्टाचार मुलाकात कर पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मानित किया।इस अवसर पर जिलाध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि श्री धर्मेंद्र कुमार का शैक्षिक क्षेत्र में लंबा अनुभव रहा है। उनके प्रशासनिक नेतृत्व में खगड़िया प्रखंड की शिक्षा व्यवस्था और मजबूत होगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि बीईओ की कार्यशैली से विद्यालयों में पठन-पाठन की गुणवत्ता में अभूतपूर्व सुधार आएगा।संघ ने बीईओ के स्वस्थ एवं दीर्घायु जीवन की कामना करते हुए कहा कि शिक्षक संघ सदैव सकारात्मक और रचनात्मक कार्यों में शिक्षा विभाग को हरसंभव सहयोग करता आया है और आगे भी करता रहेगा। संघ ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार की शैक्षिक योजनाओं को जमीनी स्तर पर सफल बनाने में वे पूरी निष्ठा से सहभागी रहेंगे।बीईओ धर्मेंद्र कुमार ने शिक्षक प्रतिनिधियों के स्नेह और स्वागत पर आभार प्रकट करते हुए कहा कि शिक्षा विभाग और शिक्षक समाज के बीच संवाद,समन्वय और सहयोग की भावना से ही समग्र प्रगति संभव है।उन्होंने कहा कि विद्यालयों में अनुशासन, नियमित उपस्थिति, शैक्षणिक परिणाम और शिक्षकों की कार्यकुशलता को प्राथमिकता दी जाएगी।इस मौके पर संघ के अन्य पदाधिकारीगण,शिक्षक प्रतिनिधि और प्रखंड शिक्षा कार्यालय के कर्मीगण भी उपस्थित रहे।कार्यक्रम सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुआ।

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