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खगड़िया में त्रिकोणीय जंग का बिगुल: निर्दलीय शिक्षक नेता मनीष कुमार सिंह की एंट्री से बदल गया समीकरण, एनडीए-महागठबंधन की मुश्किलें बढ़ीं…

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खगड़िया में त्रिकोणीय जंग का बिगुल: निर्दलीय शिक्षक नेता मनीष कुमार सिंह की एंट्री से बदल गया समीकरण, एनडीए-महागठबंधन की मुश्किलें बढ़ीं…


प्रवीण कुमार प्रियांशु। खगड़िया

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में खगड़िया विधानसभा सीट अब सूबे की सबसे चर्चित सीटों में शुमार हो गई है। राजनीतिक गलियारों में इस सीट को लेकर चर्चा जोरों पर है — वजह हैं निर्दलीय उम्मीदवार मनीष कुमार सिंह, जो एक शिक्षक नेता और समाजसेवी के रूप में खगड़िया की जनता के बीच गहरी पैठ रखते हैं। जन सुराज पार्टी से इस्तीफा देकर निर्दलीय मैदान में उतरने वाले मनीष कुमार सिंह ने न केवल एनडीए और महागठबंधन दोनों खेमों की नींद उड़ाई है, बल्कि पूरे चुनावी गणित को नया मोड़ दे दिया है।

निर्दलीय मनीष का उभार बना सियासी सेंटर ऑफ अट्रैक्शन

मनीष कुमार सिंह — बिहार राज्य शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष, शिक्षा सुधार के पैरोकार, बाढ़ राहत और स्वच्छता अभियान के सक्रिय योद्धा — अब “जनता के उम्मीदवार” के रूप में उभरे हैं। लंबे समय से समाजसेवा में जुटे मनीष को खगड़िया की जनता एक ईमानदार और जमीनी चेहरा मानती है। उनके समर्थकों का कहना है, “हम नेता नहीं, प्रतिनिधि चुन रहे हैं। मनीष बाबू जनता के बीच रहते हैं, मंचों पर नहीं।”निर्दलीय दावेदारी के बाद उनका प्रचार अभियान जनांदोलन की शक्ल ले चुका है। गांव-गांव, टोला-मोहल्लों, चौक-चौराहों और बाजारों में उनके समर्थन में सभाएं और नुक्कड़ मीटिंग हो रही हैं। महिला समूह, शिक्षक वर्ग, युवा संगठन और व्यापारी समुदाय खुलकर उनके पक्ष में उतर आए हैं। कई पंचायतों में स्थानीय जनप्रतिनिधि तक उनके प्रचार में देखे जा रहे हैं।

गठबंधनों की बढ़ी टेंशन, वोट बैंक पर खतरा

खगड़िया सीट पर पहले जहां मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच माना जा रहा था, वहीं अब समीकरण पूरी तरह बदल गया है। दोनों गठबंधनों के उम्मीदवार पारंपरिक वोट बैंक को बचाने में जुटे हैं, लेकिन मनीष का उभार जातीय और दलगत राजनीति के समीकरणों को ध्वस्त करता दिख रहा है।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि “मनीष कुमार सिंह का जनाधार शिक्षित और जागरूक मतदाताओं में मजबूत है, जो इस बार किसी पार्टी प्रतीक नहीं बल्कि व्यक्ति के काम को वोट देना चाहते हैं।”

बदलाव की लहर और जनता का मूड

मनीष ने स्पष्ट कहा है — “जनता अब वादों से नहीं, काम से प्रभावित होती है। मैं शिक्षा, रोजगार, बाढ़ नियंत्रण और पारदर्शी विकास के लिए मैदान में हूं। यह लड़ाई व्यवस्था परिवर्तन की है, और जीत जनता की होगी।”उनके समर्थक ‘बदलाव का नाम मनीष’ नारे के साथ प्रचार में जुटे हैं। युवाओं और महिलाओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों तक उनका जनसंपर्क अभियान रफ्तार पकड़ चुका है।

एफआईआर के बावजूद हौसला बुलंद

चुनावी गर्मी के बीच आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में मनीष पर एफआईआर दर्ज की गई है, मगर इससे उनका मनोबल तनिक भी नहीं डिगा। उन्होंने इसे “राजनीतिक साजिश” करार देते हुए कहा कि वे जनता के भरोसे मैदान में टिके रहेंगे। उनके समर्थकों का दावा है कि “दबाव और दमन से जनता की आवाज नहीं दबेगी।”

तीन दिनों बाद वोटिंग, खगड़िया बना बिहार का ‘हॉटस्पॉट’

6 नवंबर को मतदान होना है और अब जब सिर्फ 72 घंटे बचे हैं, तो पूरा खगड़िया चुनावी उबाल पर है। होटल, चौक-चौराहे, चाय की दुकानें — हर जगह चर्चा सिर्फ एक ही सवाल की है:क्या निर्दलीय मनीष कुमार सिंह सत्ता की चौखट तक पहुंच पाएंगे, या पारंपरिक गठबंधन फिर बाजी मार लेंगे?14 नवंबर को परिणाम घोषित होंगे, लेकिन इस बात में कोई दो राय नहीं कि खगड़िया की यह जंग अब सिर्फ एक विधानसभा चुनाव नहीं रही — यह जनता बनाम व्यवस्था की लड़ाई बन चुकी है।फिलहाल, पूरे बिहार की निगाहें खगड़िया पर टिकी हैं — जहां एक शिक्षक नेता ने सियासत के समीकरण ही बदल दिए हैं।

खगड़िया में मनीष कुमार सिंह की आशीर्वाद यात्रा ने बदला चुनावी समीकरण,त्रिकोणीय मुकाबले में जनता का रुझान ‘स्थानीय बेटे’ की ओर झुका…

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खगड़िया में मनीष कुमार सिंह की आशीर्वाद यात्रा ने बदला चुनावी समीकरण,त्रिकोणीय मुकाबले में जनता का रुझान ‘स्थानीय बेटे’ की ओर झुका…


प्रवीण कुमार प्रियांशु। खगड़िया


खगड़िया विधानसभा का चुनावी रण इस बार कुछ अलग है। सत्ताधारी गठबंधन और महागठबंधन के बीच की परंपरागत लड़ाई को तोड़ते हुए निर्दलीय उम्मीदवार एवं लोकप्रिय शिक्षक नेता मनीष कुमार सिंह ने अपने भव्य आशीर्वाद यात्रा से मैदान पूरी तरह बदल दिया है। सोमवार को निकली यह यात्रा किसी आम राजनीतिक रैली की तरह नहीं थी—यह जनता की भावनाओं, उम्मीदों और स्थानीय अस्मिता की गूंज थी, जिसने पूरे खगड़िया को झकझोर कर रख दिया।सुबह से ही हजारों की भीड़ मुख्यालय के प्रधान कार्यालय पर उमड़ पड़ी। सूर्यमंदिर चौक से शुरू होकर पटेल चौक, कचहरी रोड, विद्यार्थी टोला, अमनी, रनखेत, सबलपुर, बछौता, नवटोलिया और मथुरापुर तक फैली इस यात्रा ने जनसैलाब का रूप ले लिया। महिलाओं ने आरती उतारी, युवाओं ने बाइक रैली निकाली, बुजुर्गों ने आशीर्वाद दिया—हर मोड़ पर जनता ने “खगड़िया का बेटा – मनीष हमारा नेता” के नारे लगाए।

रनखेत में आयोजित विशाल जनसभा में मंच पर जैसे ही मनीष सिंह पहुँचे, भीड़ तालियों और नारों से गूंज उठी। अपने ओजस्वी संबोधन में उन्होंने एनडीए के जदयू उम्मीदवार बबलू कुमार मंडल और महागठबंधन के कांग्रेस प्रत्याशी चंदन यादव पर तीखे शब्दों में हमला बोला।उन्होंने कहा— “ये बाहरी नेता चुनाव के वक्त आते हैं, फोटो खिंचवाते हैं और फिर गायब हो जाते हैं। जनता को उनके दरवाजे ठोंकने पड़ते हैं। लेकिन मैं इस मिट्टी का बेटा हूँ—आपके सुख-दुख में हमेशा साथ रहूंगा। जाति-दल से ऊपर उठिए, इस बार स्वच्छ, ईमानदार और स्थानीय प्रतिनिधि को चुनिए। 6 नवंबर को प्रेशर कुकर छाप (क्रमांक 9) पर बटन दबाइए और खगड़िया में बदलाव की शुरुआत कीजिए!”मनीष ने जनता से सवाल किया—“जब बाढ़ आई थी तो ये नेता कहां थे? जब युवाओं को रोजगार चाहिए था, किसान की फसल डूबी थी, बच्चे शिक्षा के लिए भटक रहे थे—तब कौन आया था मदद करने?” उन्होंने आगे कहा, “मैंने अपने जीवन का हर पल शिक्षा और समाज के लिए समर्पित किया है। अब राजनीति में आकर जनता की आवाज को विधानसभा तक पहुँचाना चाहता हूँ।”

स्थानीय बनाम बाहरी की बहस अब खगड़िया चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा बन चुकी है। मनीष सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा कि उनका फोकस शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बाढ़ नियंत्रण पर रहेगा। “मेरे हाथ मजबूत कीजिए, ताकि आपके बच्चों को बेहतर स्कूल और कॉलेज यहीं मिलें। बाहर जाने की मजबूरी खत्म होगी। हर नागरिक को उसका हक और सम्मान मिलेगा।”भीड़ का उत्साह यह संकेत दे रहा था कि जनता इस बार कुछ नया करने के मूड में है। सबलपुर से मथुरापुर तक लोग सड़कों पर उमड़ पड़े थे, महिलाओं ने छतों से फूल बरसाए, युवाओं ने सोशल मीडिया पर लाइव प्रसारण कर यात्रा को ट्रेंडिंग में ला दिया।राजनीतिक हलकों में खलबली मच गई है। जदयू प्रत्याशी बबलू मंडल जहाँ मनोज तिवारी जैसे स्टार प्रचारकों के साथ रोड शो कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस के चंदन यादव राहुल गांधी की रैलियों पर निर्भर हैं। मगर जनता अब सवाल पूछ रही है—“2020 में जीते तो विकास कहां गया? सड़कें, रोजगार, और बाढ़ राहत अब तक क्यों नहीं दिखी?”राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि मनीष कुमार सिंह की यह आशीर्वाद यात्रा सिर्फ एक प्रचार कार्यक्रम नहीं, बल्कि जनाक्रोश की लहर बन चुकी है। यह यात्रा दिखा रही है कि इस बार मुकाबला सिर्फ दो दलों के बीच नहीं, बल्कि जनता बनाम व्यवस्था के बीच है।खगड़िया के हर नुक्कड़ पर अब चर्चा एक ही—
“इस बार बाहरी नहीं, स्थानीय को मौका!”
यात्रा के बाद शहर में जो माहौल बना है, उससे साफ है कि प्रेशर कुकर छाप ने जनता के दिल में जगह बना ली है।6 नवंबर को खगड़िया मतदान करेगा, और अब सबकी नजरें इस त्रिकोणीय जंग पर टिकी हैं।
क्या जनता इस बार दलों की राजनीति से ऊपर उठकर अपने स्थानीय बेटे को विधानसभा भेजेगी?भीड़ का जनसैलाब और जनता का जोश यही इशारा कर रहा है—“खगड़िया में बदलाव की बयार चल पड़ी है!”

खगड़िया में त्रिकोणीय जंग का संग्राम! निर्दलीय मनीष सिंह बने चुनावी हलचल का केंद्र, जनता के दिलों में ‘बदलाव’ की लहर…

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खगड़िया में त्रिकोणीय जंग का संग्राम! निर्दलीय मनीष सिंह बने चुनावी हलचल का केंद्र, जनता के दिलों में ‘बदलाव’ की लहर…


प्रवीण कुमार प्रियांशु। खगड़िया

बिहार की राजनीति में इस बार खगड़िया विधानसभा सीट सुर्खियों में है — और वजह है एक अप्रत्याशित मोड़।
जहां अब तक मुकाबला एनडीए बनाम महागठबंधन के बीच सीमित माना जा रहा था, वहीं अब निर्दलीय उम्मीदवार मनीष कुमार सिंह ने इस पारंपरिक समीकरण को पूरी तरह हिला दिया है।

निर्दलीय की बढ़ती ताकत,दोनों गठबंधनों में खलबली

महागठबंधन से कांग्रेस के चंदन यादव और एनडीए से जदयू के बबलू मंडल के बीच सीधी टक्कर की संभावना थी। मगर जैसे-जैसे चुनावी दिन नजदीक आते जा रहे हैं, मनीष सिंह का अभियान हर गांव और गली में गूंज रहा है।उनका “जनता से सीधा संवाद” और जाति-पात से ऊपर उठकर बदलाव की बात लोगों को आकर्षित कर रही है।चुनावी गलियारों में अब चर्चा यही है — “क्या खगड़िया से कोई निर्दलीय उम्मीदवार इतिहास रचने जा रहा है?”

एनडीए का स्टार प्रचार,लेकिन मैदान में चुनौती बरकरार

एनडीए ने खगड़िया की सीट को लेकर पूरा दम लगाया है।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भोजपुरी स्टार सांसद मनोज तिवारी जैसे दिग्गज नेताओं ने बबलू मंडल के समर्थन में रोड शो और सभाएं की हैं।
अमित शाह ने अपने भाषण में कहा — “खगड़िया का विकास एनडीए के साथ ही संभव है।”
लेकिन मनीष सिंह के रोड शो और नुक्कड़ सभाओं में उमड़ती भीड़ इन दावों को सीधे चुनौती दे रही है।

मुस्लिम समुदाय का समर्थन और ‘स्थानीय बनाम बाहरी’ की बहस

शुक्रवार को माड़र इलाके में मुस्लिम समुदाय द्वारा मनीष सिंह का जबरदस्त स्वागत हुआ।
राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर यह उत्साह मतदान में तब्दील हुआ, तो पूरा समीकरण उलट सकता है।उधर, महागठबंधन “स्थानीय चेहरा” बताकर चंदन यादव को बढ़त दिलाने की कोशिश में है, जबकि एनडीए विकास के एजेंडे पर टिका है।
इन दोनों के बीच मनीष सिंह ने ‘जनता के उम्मीदवार’ के रूप में एक नया विकल्प खड़ा कर दिया है।

युवाओं, महिलाओं और किसानों का साथ — नई राजनीति की आहट

मनीष सिंह के प्रचार में युवा वर्ग, महिलाएं और किसान समुदाय खास तौर पर दिख रहे हैं।
उनका सीधा संदेश — “मैं नेता नहीं, सेवक हूं” — आम मतदाताओं के बीच गहराई से उतर रहा है।
यही वजह है कि अब खगड़िया की गलियों में एक नया नारा सुनाई दे रहा है —
“अबकी बार, जनता का उम्मीदवार सरकार!”

विश्लेषकों की राय — हवा में बदलाव की गंध

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इस बार खगड़िया बदलाव के मूड में है।
लोग जातीय राजनीति और गठबंधन के समीकरणों से थक चुके हैं।वे अब ऐसे चेहरे की तलाश में हैं जो सिस्टम से बाहर रहकर भी जनता की आवाज बने — और मनीष सिंह इस उम्मीद का चेहरा बनते दिख रहे हैं।

कुल मिलाकर, खगड़िया की जंग अब सिर्फ दो गठबंधनों की नहीं रही।
यह अब त्रिकोणीय मुकाबले का चुनावी रणक्षेत्र बन चुका है —जहां जनता बनाम गठबंधन की लड़ाई तय करेगी कि बिहार की राजनीति किस दिशा में जाएगी।

क्या मनीष सिंह निर्दलीय होते हुए भी इतिहास रच पाएंगे?
यह सवाल अब पूरे बिहार की सियासत में गूंज रहा है।
नतीजे जो भी हों, लेकिन इस बार खगड़िया में लोकतंत्र का सबसे असली चेहरा नजर आ रहा है — जनता का।

एनडीए प्रत्याशी रामचन्द्र सदा का अलौली में शक्ति प्रदर्शन, शुम्भा की जनता से मिला अपार समर्थन; डिग्री कॉलेज से लेकर स्वास्थ्य केंद्र तक — “विकास” को बनाया चुनावी हथियार

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एनडीए प्रत्याशी रामचन्द्र सदा का अलौली में शक्ति प्रदर्शन, शुम्भा की जनता से मिला अपार समर्थन; डिग्री कॉलेज से लेकर स्वास्थ्य केंद्र तक — “विकास” को बनाया चुनावी हथियार…

प्रवीण कुमार प्रियांशु। खगड़िया 

खगड़िया जिले के अलौली विधानसभा क्षेत्र संख्या-148 में चुनावी सरगर्मी चरम पर है। इसी कड़ी में एनडीए समर्थित जदयू उम्मीदवार एवं पूर्व विधायक रामचन्द्र सदा ने सोमवार को शुम्भा पंचायत में अपने समर्थकों के विशाल काफिले के साथ जनसम्पर्क अभियान चलाकर चुनावी ताल ठोंक दी। पंचायत की गलियों से लेकर चौक-चौराहों तक सदा के समर्थन में नारे गूंजते रहे।कार्यक्रम में पंचायत अध्यक्ष अविनाश पासवान, प्रखंड सचिव नरेश पासवान सहित कई लोजपा नेता और एनडीए कार्यकर्ता मौजूद रहे। उमड़ी भीड़ को संबोधित करते हुए सदा ने कहा कि “शुम्भा की जनता ने हमेशा मेरा साथ दिया है। मैं यहां का शिक्षक रहा हूं, यहीं से मेरी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत हुई—यही मेरी असली कर्मभूमि है।”उन्होंने याद दिलाया कि वर्ष 1992 से शुम्भा को प्रखंड का दर्जा दिलाने की मांग समिति में वे अग्रणी भूमिका में रहे हैं। सदा ने कहा—“जीत के तुरंत बाद अलौली में डिग्री कॉलेज, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं, हरिजन विद्यालय और कन्या विद्यालय की स्थापना हमारी प्राथमिकता होगी। शिक्षा और स्वास्थ्य से ही अलौली का भविष्य बदलेगा।”जनता से मिले अभूतपूर्व समर्थन से उत्साहित सदा ने शुम्भा की जनता को “जनता मालिक” कहते हुए उनके आशीर्वाद व भरोसे के लिए आभार जताया।अभियान के दौरान स्थानीय वोटरों में उत्साह दिखा और कईयों ने आशा जताई कि इस बार अलौली में विकास की नई इबारत लिखी जाएगी।

झीमा में पेट्रोल पंप निर्माण पर महादलित समुदाय ने उठाई सुरक्षा की चिंता,जांच और रोक लगाने की जिलाधिकारी से किया मांग…

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झीमा में पेट्रोल पंप निर्माण पर महादलित समुदाय ने उठाई सुरक्षा की चिंता,जांच और रोक लगाने की जिलाधिकारी से किया मांग…

कोशी24न्यूज। खगड़िया 

खगड़िया जिला के अलौली प्रखंड अंतर्गत झीमा गांव में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा प्रस्तावित पेट्रोल पंप स्वीकृति को लेकर ग्रामीणों,खासकर महादलित समुदाय ने इसके खिलाफ जिलाधिकारी को लिखित आवेदन देकर जोरदार आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा है कि यह परियोजना उनके जीवन और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा साबित हो सकती है।ग्रामीणों का कहना है कि पेट्रोल पंप निर्माण जिस भूखंड (खाता संख्या-465, खेसरा संख्या-1435) पर स्वीकृति मिली है,उसके 50 मीटर के दायरे में दर्जनों महादलित परिवार वर्षों से निवास कर रहे हैं।

बावजूद इसके, अंचलाधिकारी, अलौली द्वारा इंडियन ऑयल को भेजी गई रिपोर्ट में उल्लेख किया गया कि इस क्षेत्र में कोई आवासीय क्षेत्र नहीं है। ग्रामीणों ने इस रिपोर्ट को “पूर्णत: भ्रामक और निराधार” बताते हुए इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।स्थानीय निवासियों ने आशंका जताई है कि यदि यहां पेट्रोल पंप स्थापित होता है,तो आसपास रहने वाले गरीब एवं वंचित परिवारों के जीवन,स्वास्थ्य और सुरक्षा पर गंभीर खतरे मंडराएंगे। आगजनी, प्रदूषण और विस्फोट जैसे जोखिमों की संभावना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।ग्रामीणों ने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों व खगड़िया जिलाधिकारी महोदय से अपील की है कि अंचलाधिकारी की रिपोर्ट पर बिना भरोसा किए स्थानीय स्तर पर पुनः भौतिक सत्यापन कराया जाए। जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक पेट्रोल पंप निर्माण कार्य पर रोक लगाई जाए।

ग्रामीणों का कहना है कि यह मामला सिर्फ विकास का नहीं, बल्कि गरीब और वंचित महादलित परिवारों की जिंदगी और सुरक्षा का है। उन्होंने कहा कि सरकार और प्रशासन को संवेदनशीलता दिखाते हुए इस मामले पर त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए।

अब देखने वाली बात यह होगी कि इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन और जिला प्रशासन ग्रामीणों की इस आपत्ति पर क्या रुख अपनाते हैं।इस पुरे मामले में अंचलाधिकारी अलौली ने बताया कि फाईल चेक करने के बाद ही कुछ बताया जा सकता है।

“खगड़िया को मेरा कण-कण समर्पित” — निर्दलीय प्रत्याशी मनीष कुमार सिंह का संकल्प…शिक्षक नेता ने कहा, यह चुनाव पद या प्रतिष्ठा का नहीं, खगड़िया की पहचान बचाने की लड़ाई है…

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“खगड़िया को मेरा कण-कण समर्पित” — निर्दलीय प्रत्याशी मनीष कुमार सिंह का संकल्प…शिक्षक नेता ने कहा, यह चुनाव पद या प्रतिष्ठा का नहीं, खगड़िया की पहचान बचाने की लड़ाई है…

प्रवीण कुमार प्रियांशु। खगड़िया 

खगड़िया विधानसभा क्षेत्र संख्या 149 से निर्दलीय प्रत्याशी एवं लोकप्रिय शिक्षक नेता मनीष कुमार सिंह ने अपने जनसंपर्क अभियान के दौरान भावुक शब्दों में कहा —“मेरा कोई व्यक्तिगत स्वार्थ नहीं है। मेरा सब कुछ खगड़िया है। यहाँ की हर मुस्कान, हर पीड़ा, हर उम्मीद मेरी अपनी है। इसलिए मैं कहता हूँ — ‘खगड़िया को मेरा कण-कण समर्पित।’”उन्होंने कहा कि अब वक्त है बदलाव का, वक्त है उस खगड़िया को फिर से आगे बढ़ाने का जिसने कभी शिक्षा, संघर्ष और स्वाभिमान की मिसाल कायम की थी।मनीष कुमार सिंह ने कहा — “आज चुनावी मैदान में कई दल और नेता हैं, लेकिन मुद्दे कहीं गुम हो गए हैं। कोई धनबल से लड़ रहा है, कोई सत्ता के सहारे, लेकिन मैं जनता के भरोसे, जनता की ताकत से इस मैदान में उतरा हूँ।”उन्होंने बुद्धिजीवियों, युवाओं, माताओं-बहनों और समाज के हर वर्ग से निवेदन किया कि वे जात-पात, धर्म और दल से ऊपर उठकर अपने क्षेत्र के विकास के लिए मतदान करें।“आपका एक-एक मत सिर्फ मुझे नहीं, बल्कि खगड़िया के उज्ज्वल भविष्य को मजबूती देगा।”मनीष कुमार सिंह ने कहा कि उनका संघर्ष शिक्षा की मजबूती, स्वास्थ्य व्यवस्था के सुधार, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग के लिए है।उन्होंने दो टूक कहा —“यह चुनाव सत्ता के लिए नहीं, बल्कि समाज सेवा के संकल्प का प्रतीक है।मैं राजनीति को साधन नहीं, समाज परिवर्तन का माध्यम मानता हूँ।”उन्होंने जनता से आह्वान किया कि इस बार खगड़िया के लोग ‘अपना प्रत्याशी, अपनी आवाज’ चुनें और सच्चे अर्थों में विकास की नई इबारत लिखें।मनीष कुमार सिंह ने कहा कि खगड़िया का हर गली-मोहल्ला, हर किसान, हर छात्र और हर महिला उनके दिल में बसते हैं।“मैं किसी पार्टी का नहीं, खगड़िया की जनता का उम्मीदवार हूँ —और यह जंग, व्यवस्था परिवर्तन की जंग है।”

पूर्व विधायक रामचन्द्र सदा ने हजारों समर्थकों संग दाखिल किया नामांकन — बोले, “मुकाबला शून्य है, जीत ऐतिहासिक होगी”

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पूर्व विधायक रामचन्द्र सदा ने हजारों समर्थकों संग दाखिल किया नामांकन — बोले, “मुकाबला शून्य है, जीत ऐतिहासिक होगी”

प्रवीण कुमार प्रियांशु। खगड़िया 

अलौली विधानसभा क्षेत्र संख्या-148 से जनता दल यूनाइटेड (जदयू) प्रत्याशी एवं पूर्व विधायक रामचन्द्र सदा ने शुक्रवार को ऐतिहासिक शक्ति प्रदर्शन के बीच अपना नामांकन पर्चा दाखिल किया। भीषण गर्मी के बावजूद जनसैलाब उमड़ पड़ा — ढोल-नगाड़ों, नारों और पार्टी के झंडों से अलौली का माहौल चुनावी रंग में रंग गया।नामांकन के बाद मीडिया से बातचीत में सदा ने कहा कि “अलौली की जनता विकास चाहती है, और विकास का मतलब जदयू है। यहां कोई मुकाबले में नहीं है — जीत हमारी तय है।”

उन्होंने आगे कहा — “विजय के बाद अलौली की तस्वीर बदलेगी। क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज की स्थापना, हरिजन छात्रावास का निर्माण, और हर गांव तक सड़क-पुलिया का जाल बिछाना मेरी प्राथमिकता होगी। शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बनाना मेरा संकल्प है।”सदा ने दावा किया कि पिछले कार्यकाल में उन्होंने अलौली को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा, और जनता उसी काम के आधार पर एक बार फिर उन्हें मौका देगी। समर्थकों में भारी उत्साह दिखा — कई जगहों पर पुष्पवर्षा और नारेबाजी के साथ उनका स्वागत किया गया।राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि रामचन्द्र सदा के नामांकन ने अलौली के चुनावी समीकरण को पूरी तरह एकतरफा बना दिया है, जबकि विपक्षी दल अब तक रणनीति तय करने में जुटे हैं।

अलौली से यश राज पासवान का नामांकन, बोले– यह लड़ाई पार्टी के मान-सम्मान और 60 वर्षों की विरासत की है…

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अलौली से यश राज पासवान का नामांकन, बोले– यह लड़ाई पार्टी के मान-सम्मान और 60 वर्षों की विरासत की है…

प्रवीण कुमार प्रियांशु। खगड़िया 

खगड़िया जिले के अलौली विधानसभा क्षेत्र संख्या–148 में गुरुवार को सियासी हलचल तब तेज हो गई जब पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस के पुत्र और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के युवा चेहरा यश राज पासवान ने पार्टी प्रत्याशी के रूप में नामांकन पर्चा दाखिल किया। उनके नामांकन के दौरान समर्थकों की भारी भीड़ उमड़ी, जिससे पूरे अनुमंडल क्षेत्र का माहौल उत्साहपूर्ण रहा।नामांकन के बाद मीडिया से बातचीत में यश राज पासवान ने कहा कि यह चुनाव केवल एक व्यक्ति या परिवार की नहीं, बल्कि पार्टी के मान-सम्मान और अलौली की जनता की लड़ाई है। उन्होंने इसे 60 वर्षों की राजनीतिक विरासत की जंग बताते हुए कहा कि अलौली की धरती से 1969 में पहली बार उनके बड़े पापा स्वर्गीय रामविलास पासवान ने जीत दर्ज कर इतिहास रचा था। इसके बाद 1977 में उनके पिता पशुपति कुमार पारस ने इस सीट से जनता का अपार स्नेह और आशीर्वाद प्राप्त किया था।

यश राज पासवान ने कहा, “आज वही जनता और वही भूमि हमें फिर बुला रही है। यह विरासत हमारे लिए जिम्मेदारी भी है और प्रेरणा भी। पार्टी ने जो भरोसा मुझ पर जताया है, उस पर मैं खरा उतरूंगा। अलौली की जनता के विकास, सम्मान और रोजगार की लड़ाई को हम नई ऊंचाई देंगे।”

उन्होंने आगे कहा कि अलौली की जनता अब बदलाव नहीं, बल्कि विकास और विश्वास की राजनीति चाहती है। वे इस विधानसभा को शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि के क्षेत्र में नए मुकाम तक पहुंचाने का संकल्प लेकर मैदान में उतरे हैं।

नामांकन के मौके पर पार्टी के संस्थापक सह पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस, कई वरिष्ठ नेता, स्थानीय कार्यकर्ता और बड़ी संख्या में समर्थक मौजूद रहे। माहौल में जोश और उत्साह का आलम यह था कि यश राज पासवान के समर्थन में “युवा नेतृत्व, नई सोच – यश राज पासवान जिंदाबाद” के नारे देर तक गूंजते रहे।राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अलौली सीट इस बार रोचक मुकाबले का केंद्र बन सकती है, क्योंकि यहां पासवान परिवार की विरासत बनाम सत्तारूढ़ गठबंधन की साख की जंग देखने को मिलेगी।

खगड़िया की सियासत में बड़ा धमाका: शिक्षक नेता मनीष कुमार सिंह का निर्दलीय मैदान में उतरना बना चर्चा का विषय — नामांकन के दौरान उमड़ा जनसैलाब, नारे से गूंजा शहर…

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खगड़िया की सियासत में बड़ा धमाका: शिक्षक नेता मनीष कुमार सिंह का निर्दलीय मैदान में उतरना बना चर्चा का विषय — नामांकन के दौरान उमड़ा जनसैलाब, नारे से गूंजा शहर…

प्रवीण कुमार प्रियांशु।खगड़िया

बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच गुरुवार को खगड़िया विधानसभा क्षेत्र-149 ने एक नया राजनीतिक समीकरण देखा, जब जिले के लोकप्रिय और संघर्षशील शिक्षक नेता मनीष कुमार सिंह ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन पर्चा दाखिल किया।नामांकन के दौरान जो नजारा खगड़िया में देखने को मिला, वह किसी बड़े जनआंदोलन से कम नहीं था। चारों ओर मनीष कुमार सिंह जिंदाबाद के नारों से पूरा इलाका गूंज उठा। समर्थकों की भारी भीड़ ने शहर की सड़कों को जैसे जाम कर दिया।

भीड़ और जोश ने यह साफ कर दिया कि अबकी बार चुनाव में मनीष कुमार सिंह सिर्फ शिक्षक समाज का प्रतिनिधित्व नहीं, बल्कि जनता के दिल की आवाज बनकर मैदान में हैं।नामांकन के बाद मीडिया से बातचीत में मनीष कुमार सिंह ने कहा — “मैं राजनीति को सत्ता का माध्यम नहीं, सेवा का जरिया मानता हूँ। जनता मालिक ने जो प्यार और विश्वास मुझे दिया है, उसी ताकत से मैं इस चुनाव में उतर रहा हूँ। खगड़िया की शिक्षा, स्वास्थ्य, बेरोजगारी और बुनियादी सुविधाओं को सशक्त बनाना ही मेरा पहला लक्ष्य है।”

उन्होंने आगे कहा —“अब समय है कि जनता वादों से ऊपर उठकर योग्य, ईमानदार और जवाबदेह जनप्रतिनिधि चुने। मैं वादा नहीं, काम करने आया हूँ।”मनीष कुमार सिंह के नामांकन के दौरान खगड़िया नगर परिषद परिसर में अभूतपूर्व जनसैलाब देखने को मिला। हजारों की संख्या में जुटे समर्थक उनके समर्थन में नारे लगाते दिखे। इस मौके पर नगर सभापति अर्चना कुमारी, सभापति प्रतिनिधि ज्योतिष मिश्रा, जिला परिषद सदस्य प्रियदर्शना सिंह, भागलपुर के शिक्षक देवज्योति मुखर्जी, प्रद्युमन कुमार, राजीव चौहान, रवि सिंह राजपूत, आर्किटेक्ट शुभम कुमार, रजनीकांत कुमार, गुलशन कुमार (वार्ड पार्षद), मनीष चौधरी, रविशंकर कुमार, हरिराम सिंह, मिथुन शर्मा, संजीत कुमार, अमरजीत राठौर, कैप्टन योगेंद्र सिंह, रंजीत कुंवर, हिमांशु मिश्रा, रंजीतकांत वर्मा, अमित पटेल, अरविंद यादव (पप्पू यादव), गुग्गू यादव समेत नगर परिषद के कई माननीय वार्ड पार्षद, जनप्रतिनिधि और युवा कार्यकर्ता मौजूद रहे।नामांकन जुलूस में शामिल भीड़ ने चुनावी समीकरणों को पूरी तरह बदल कर रख दिया है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि अगर यह जनसमर्थन वोट में तब्दील हुआ, तो खगड़िया विधानसभा में इस बार मुकाबला त्रिकोणीय ही नहीं, बल्कि निर्दलीय लहर का केंद्र बन सकता है।स्थानीय जानकारों का मानना है कि शिक्षा जगत से निकले मनीष कुमार सिंह ने जनता के बीच अपने सामाजिक कार्य, निष्पक्ष छवि और संगठनात्मक कौशल से जो भरोसा कायम किया है, वह किसी भी सियासी दल के लिए चिंता का सबब बन सकता है।अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या शिक्षक नेता मनीष कुमार सिंह इस चुनाव में जनता के समर्थन से खगड़िया की सियासत का चेहरा बदल देंगे?

खगड़िया में 83 लाख की योजना : विभिन्न जगहों में मिलेगा आधुनिक शौचालय, महिलाओं-बच्चों को मिलेगी सबसे बड़ी राहत…

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खगड़िया में 83 लाख की योजना : विभिन्न जगहों में मिलेगा आधुनिक शौचालय, महिलाओं-बच्चों को मिलेगी सबसे बड़ी राहत…

प्रवीण कुमार प्रियांशु। खगड़िया 

खगड़िया शहर की लंबे समय से चली आ रही सबसे बड़ी समस्या अब खत्म होने जा रही है। नगर परिषद खगड़िया ने करीब 83 लाख रुपये की लागत से सात सामुदायिक शौचालय और पांच मूत्राशय निर्माण की योजना शुरू कर दी है। इसके लिए निविदा जारी कर दी गई है और तीन माह के भीतर काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह योजना खगड़िया नगर परिषद की अब तक की सबसे बड़ी सार्वजनिक सुविधा परियोजनाओं में से एक मानी जा रही है।

कहाँ बनेंगे शौचालय और मूत्राशय?

सामुदायिक शौचालय : पूर्वी केबिन ढाला, पुलिस लाइन, बखरी बस स्टैंड, बलुआही बस स्टैंड, मथुरापुर फील्ड, संसारपुर फील्ड और बाजार समिति प्रांगण।

मूत्राशय : नेशनल स्कूल के पास अनुमंडल न्यायालय परिसर, पोस्ट ऑफिस रोड, इंस्पेक्टर ऑफिस और गांधी चौक।

महिलाओं-बच्चों के लिए बड़ी राहत…

नगर परिषद की सभापति अर्चना कुमारी ने कहा—

“शहर में लंबे समय से सार्वजनिक शौचालय की कमी महसूस की जा रही थी। खासकर महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को भारी असुविधा होती थी। इन शौचालयों के निर्माण से उन्हें सबसे अधिक राहत मिलेगी। हमारा लक्ष्य है कि तीन माह में सभी काम पूरे हों।”

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया…

सुनीता देवी (बाजार समिति क्षेत्र की गृहिणी) : “अब खरीदारी करने आने पर सबसे बड़ी समस्या खत्म होगी। महिलाओं के लिए यह राहत की खबर है।”

राजेश कुमार (छात्र, बलुआही बस स्टैंड) : “बस स्टैंड पर रोजाना सैकड़ों यात्री आते-जाते हैं। यहां शौचालय की सुविधा मिलना बहुत जरूरी था। अब यात्रियों को सुविधा मिलेगी।”

रामबाबू प्रसाद (बुजुर्ग, पुलिस लाइन) : “हम बुजुर्गों को घर से बाहर निकलने पर बहुत दिक्कत होती थी। अब यह परेशानी नहीं रहेगी।”

प्रतिदिन हजारों लोग होंगे लाभार्थी…

अनुमान है कि इन शौचालयों और मूत्राशयों से रोजाना 4 से 5 हजार लोगों को सीधा लाभ मिलेगा। बस स्टैंड, बाजार और न्यायालय परिसर जैसे स्थानों पर सबसे अधिक भीड़ रहती है, जहां ये सुविधाएँ लोगों की बड़ी जरूरत पूरी करेंगी।

स्वच्छ भारत अभियान को मजबूती…

सभापति अर्चना कुमारी ने कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन को मजबूती देने की दिशा में अहम है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि नगर परिषद आगे भी नागरिकों को बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए निरंतर काम करता रहेगा।यह खबर न सिर्फ शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की, बल्कि महिलाओं और आम नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार की भी है।

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